Thursday 18 June, 2009

प्राग में दो दिन

पिछले वीकेन्ड (१३-१४ जून को) मैंने सोचा की जर्मनी के बहार कहीं घूमने जाया जाए। प्राग नुरेम्बर्ग से ५ घंटे के रास्ते पे है तो मैंने सूचा की वहां घूम आते हैं। कोई और साथी नही मिला तो मैं अकेले निकल पड़ा। इत्तेफाक से एक "Prague Special" ऑफर भी चल रहा था जिसके तहत प्राग का टिकेट ५०% सस्ते में मिल रहा था और नुरेम्बर्ग से प्राग तक की सीधी ट्रेन भी थी। होटल एक ठीक ठाक सा ऑनलाइन बुक करा लिए। मुझे तो बस रात में सोने की जगह चाहिए थी। पर होटल काफ़ी ठीक निकला। बाद में मैंने सूचा की और सस्ता होटल लेना चाहिए था। प्राग जर्मनी से थोड़ा सस्ता है तो कम दाम में भी बहुत अच्छे होटल मिल जाते हैं।

यहाँ के ट्रेनों में रिज़र्वेशन कराने की ज़रूरत नही होती हमेशा। टिकेट लेने का मतलब की आप उस रूट की किसी भी ट्रेन में आ सकते हैं, किसी भी टाइम पे। रिज़र्वेशन तभी करना होता है जब आपको पक्का पता है की किस टाइम वाली ट्रेन से जायेंगे (एक दिन में ४ चलती हैं) और आपको लगता है की सीट नही मिल पायेगी, जो यहाँ कम ही होता है। मैंने तो ०५४० की पहली ट्रेन पकड़ी। ट्रेन लगभग खाली थी। सिर्फ़ ३ बोगियां लगी थी और एक एक में सिर्फ़ ४-५ लोग ही थे। लौटे समय लॉन्ग वीकेन्ड की भीड़ मिल गई थी, पर मुझे सीट मिल गई थी। इंडिया का एक्सपेरिएंस काम आया। रास्ते में कुछ ख़ास नही था। वही सुंदर नजारे देखते हुए पहुच गया। १-२ घंटे सो भी लिया। रास्ते में टिकेट भी चेक हुआ और पासपोर्ट भी।

From Prague


Czech Republic १९९० तक सोविएत ब्लोक का हिस्सा था। वहां पे कम्युनिस्ट सरकार थी। जब उससे अलग हुआ तो तरक्की शुरू हुई। २००४ में यह एउरोपेँ यूनियन का हिस्सा बना। इसलिए यह बाकी europe से थोड़ा पिछड़ा हुआ है। जब जर्मनी से च्ज़ेक रिपब्लिक में घुसे तो पता चल गया। कई घर पुराने थे जिनके बहार के रंग हट रहे थे, कई पूरानी फक्टोरियाँ थी जो बंद थी और खस्ता हालत में थी। पहुँचने के बाद वैसा ही confusion था जैसे भारत में होता है। लगा की जैसे भारत के किसी अच्छे शहर में आ गए हैं। जाना पहचाना लगा। मैं वहां की बुराई नही कर रहा हूँ पर यह बता रहा हूँ की जर्मनी के जैसे अच्छी उम्मीद नही परागुए। एक परागुए दे रहा हूँ बस... जो लोग नही जानते उनको मैं बता दूँ की इंडिया में स्कोडा की कारें बिकती हैं, यह यहीं की कंपनी है। प्राग में बहुत फिल्मों की शूटिंग भी होती है।
From Prague


Architecture
उन सब बातों को छोडें तो Prague में देखने के लिए कई चीज़ें है। प्राग़ ११०० साल पुराना शहर है. वहां पे बहुत सुंदर सुंदर घर हैं पुराने ज़माने के। पुराना architecture देखने वाली चीज़ है। सुंदर नक्काशीदार से परागुए शहर। के बीच से व्लातावा नदी गुज़रती है इसलिए नदी। पे कई पुल हैं कईअपके देखा एक फोटो खीची। नदी के किनारे टेहेलना बहुत अच्छा लगा।
From Prague

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National Museum
वैसे तो फ़िर में कई Museum हैं पर मैं सिर्फ़ National Museum देखने गया। और कोई Museum का मन नही था। वोह लोग कह रहे थे की Museum में से कई को चीज़ें दूसरे विश्व युद्ध के समय पर फ़िर भी देखने। पर फ़िर भी देखने को बहुत कुछ था। म्यूज़ियम से यह पता चलता है की किसी देश का कितना पुराना इतिहास है। अब हमारे देश की भी संस्कृति बहुत पुराणी है पर हमारे पास दिखने को कुछ नही है तो कोई नही मानेगा। खैर, मैं यहाँ के म्यूज़ियम में देखा, बहुत तरह की चीज़ें थी। बहुत पुराने ज़माने के दिनोसौर पौधे और जानवरों के fossils थे। दिनिया भर के तरह तरह के पत्थर थे। मैंने किताब में तो बहुत पढ़ा था, यहाँ मैंने पहली बार देखा की iron, copper और aluminium का ore कैसा दीखता है। फ़िर stone age, iron age, bronze age के लोगों के खुदाई में से मिले समान रखे थे।
From Prague

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Vltava river and its Bridges
प्राग शहर के बीच से वल्तावा नदी गुज़रती है। इसलिए उपसे कई पुल हैं जो अपने आप में देखने वाली चीज़ है। उनमें से एक, चार्ल्स' ब्रिज बहुत विख्यात है। पुल पुराने स्टाइल के होते हैं और उनपे दोनों तरफ़ मूर्तियाँ लगी हैं जिनकी कुछ कुछ कहानियाँ हैं। पुल पूरी तरह से सैलानियों का अड्डा बना हुआ है। ढेर सारे ठेले लगे हैं जो गिफ्ट का समान बेचते हैं। कुछ पेंटर बैठे रहते हैं जो आपकी तस्वीर बना सकते हैं १५ मिनट में। कोई बाजा बजा रहा है कोई गा रहा है... सही था।
From Prague

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Petrin Hill and Tower
प्राग में एक पहाड़ है जिसपे बाग़ बना हुआ है। पहाड़ के ऊपर एक एइफ्फेल टावर की नक़ल में एक टावर भी बना है। एक दो चर्च हैं और एक observatory है। ऊपर जाने के के लिए एक ट्राम थी। सुंदर नज़ारा था, ऊपर जाने में और ऊपर से भी। पूरा शहर दीखता था। अच्छा मौसम था तो मज़ा भी आ रहा था।
From Prague

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Prague Castle
प्रग का महल एक दूसरे पहाड़ के ऊपर था। हम तो चल चल के थक गए। बहुत चढ़ने के बाद महल पहुचे। पहले यहाँ रजा लोग रहते थे, अब यहाँ के राष्ट्रपति का निवास है। बहुत अच्छे से बना था और बड़ा भी था। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करिए। वहां पे हर घंटे गार्ड बदलने की सरेमोनी होती है जो अच्छी होती है।
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Return
इसके बाद शहर की और विख्यात imaratein dekhi और १३०० बजे की ट्रेन पकड़ने रेलवे स्टेशन आ गए। १-२ शौपिंग माल देखे, एक astronomical clock और old town square।

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