Tuesday 30 June, 2009

Venice वेनिस - इटली

http://en.wikipedia.org/wiki/Venice
इस शनिवार मैं वेनिस घूमने गया. यहाँ से कुछ ८०० किलोमीटर दूर है, तो थोडा कठिन सफ़र होना था. घूमने का सारा प्लान मेरे दोस्त राजकुमार ने बनाया था. मैं तो दो दिन इटली में घूमना चाहता था, पर बस एक दिन के लिए ही जाती है. इसलिए इसी प्रोग्राम से काम चलाना पड़ा. इटली में घूमने की कई जगहे हैं, बाकी सब फिर कभी देखेंगे. अभी तो वेनिस ही जाना मुश्किल था. पहले मुझे ३:३० पे मुझे ऑफिस से निकलना पड़ा. रास्ते में कुछ सामान लेना था. फिर दौड़े दौड़े स्टेशन पहुचना था जहाँ से स्तुत्त्गार्ट के लिए ट्रेन पकड़नी थी. २ घंटे में स्टुटगर्ट  पहुच के बस पकड़नी थी. बस भी रेलवे स्टेशन पे नहीं मिलनी थी, शहर के बहार एक बस स्टेशन से. तो हम स्टुटगर्ट पहुच के फिर लोकल ट्रेन पकड़ कर वहिंगन पहुचे. वहां बस कड़ी थी. जल्दी से चढ़ गए. हम दोनों ही आखिरी पहुचने वाले थे. ५ मं में बस चल पड़ी. रात भर बस में सफ़र करना था. बसें तेज़ नहीं चलती हैं और २-३ जगह रुकती भी हैं. बस में सोने का आराम नहीं होता.  म्यूनिख और उल्म होते हुए हमने आल्प्स पदियाँ पार करके इटली पहुचे. आल्प्स बहुत सुंदर हैं. मैं तो जर्मनी पार होने से पहले ही सो गया था तो ज्यादा नहीं देखा. वैसे भी अँधेरे में क्या दीखता? आँख खुली तो हम इटली में मीरा मिरानो पहुच गए थे. यह बस वेनिस तक नहीं जाती है. मीरा मिरानो से वेनिस तक ट्रेन लेनी थी. हम लोग regional ट्रेन लेकर वेनिस के स्टेशन संता लूसिया आ गए.

From Venice - Italy

अब इसके आगे कोई गाडी नहीं जाती. वेनिस में सड़के नहीं हैं. वेनिस नेहरों का शहर है. एक लड़ाई के दौरान यहाँ के लोग बचने के लिए पानी में बने इन द्वीपों में रहने चले गए. तब से यह शहर पानी के बीच में बसा है. मध्य काल में यह शहर समुद्री व्यापार का बड़ा केंद्र था. इससे एक शहर बड़ा और ताकतवर बन गया. यहाँ के व्यापारियों ने सुंदर सुंदर घर, महल और गिरिजाघर बनाये.हमने १२ घंटे का बस टिकेट ले लिया और उनकी बसों में घूम घूम के जगह जगह जाने लगे. अच्छा, पहले ही बता दूँ की यहाँ पहिये वाली बस नहीं होती हैं, नाव है. इसी तरह से पुलिस की गाडी, एंबुलेंस और टैक्सी भी नाव ही थी!

From Venice - Italy
From Venice - Italy

हमने शहर की कई खूबसूरत इमारतें पैदल घूम घूम के देखी. गिरिजाघरों के नाम तो नहीं याद हैं, पर संत मार्क्स स्क्वेयर एक अच्छी जगह थी. पानी बरसने की वजह से हम बहुत अच्छे से लुत्फ़ नहीं उठा पाए, पर ठीक था. हर तरफ सुंदर नक्काशीदार इमारतें थी. उनमें से एक वेनिस के राजा का महल भी था.

From Venice - Italy
From Venice - Italy

फिर वोह घूमके हम शहर के मेन मार्केट गए, रियाल्टो. वहां पे एक मशहूर पुल है मेन कैनाल के ऊपर. पास में बहुत सी दुकाने हैं. अच्छी दुकानों में एक डिज़नी स्टोर था जिसमें बच्चे भरे हुए थे और एक फेर्रारी का स्टोर था जहाँ पे फेर्रारी कार से सम्बंधितयादगार के लिए सामान मिलता है. मैंने वहां से एक फेर्रारी कार खरीदी (खिलौने वाली).

From Venice - Italy
From Venice - Italy


वेनिस का शीशे का काम और मास्क भी विख्यात है. हम एक शीशे के सामान के म्यूज़ियम भी गए पर वहां पे फोटो लेना मन थो तो कोई फोटो नहीं है. पर वहां कैसा सामान था इसकी एक झलक के लिए कुछ दुकानों की फोटो हैं. इटली का फैशन बहुत जाना माना है. तो फैशन के कई जाने माने नामों की दुकाने थी. जूते, कपडे, पुर्से वगैरह की दुकाने हर तरफ थी.

From Venice - Italy
From Venice - Italy

वेनिस में ही गोंडोला नाव भी पाई जाती है. और यहाँ के नेहरों की शूटिंग बहुत फिल्मो में है.

From Venice - Italy
From Venice - Italy

सब घूम के जब हम थक गए तो एक बस में बैठ कर सारे शहर का चक्कर लगाये अच्छे से. फिर आखिर में लीडो स्टाप पे उतर गए. किसी ने बताया था की वहां पे एक beach है. पर हमें तो नहीं दिख रहा था. तो ऐसे ही समुद्र के किनारे बेंच पे बैठ कर आराम किये. जब थोडी थकान गयी तो आईडिया आया की शहर के अन्दर घूमने चलते हैं. ज़रा दूर अन्दर गए तो पता चला की लीडो एक पेनिन्सुला है. १०० मीटर दूसरी तरफ जाने पे फिर से समुद्र था, और वहां पे beach था. बहुत साफ़ सुथरा और अच्छे से बना हुआ. कोई गन्दगी या ठेले नहीं थे. लोग परिवार समेत घूम रहे थे. कहीं बच्चे खेल रहे थे, कोई किला बना रहा था...
From Venice - Italy
From Venice - Italy

तो यह सब घूम कर हम फिर से बस पकडे और रेलवे स्टेशन आ गए, और वहां से वापस जर्मनी लौट आये.

Posted via web from मेरे संस्मरण

Sunday 21 June, 2009

Neuschwanstein Castle

From Neuschwanstein Castle

न्यूश्वांस्टाँइन का किला युरोप के इस हिस्से का सबसे मशहूर किला है। यह अपने सुन्दरता के कारण बहुत फिल्मों में देखने को मिलता है। अमेरिका में डिज़्नीलैन्ड में भी इसकी नक़ल का महेल बनाया हुआ है जो कई कार्टून फिल्मों में राजकुमार या राजकुमारी के किले की तरह दिखाया जाता है। यह किला जर्मनी के खूबसूरत बावेरिआ इलाके के आल्प्स पहाडों की एक चोटी के ऊपर बनाया गया है। यह बहुत पुराना नही है, राजा लुडविग II ने इसे १८६९ में बनवाना शुरू किया था और १८८६ में यह बन कर तैयार हुआ।

यहाँ जाने के लिए पहले Fussen जाना होता है और फ़िर वहां से Hohenschwangau तक के लिए बस लेनी पड़ती है। हम लोग बयेर्न टिकेट लेकर Hohenschwangau तक पहुच गए। Hohenschwangau के पहाड़ की चोटी पे ही न्यूश्वांस्टाँइन का किला है। वहां से ऊपर जाने के लिए बस या घोड़ा गाड़ी ले सकते हैं, या पैदल ही तेहेलते हुए जा सकते हैं।
From Neuschwanstein Castle


मैं पहले म्यूनिक गया और फ़िर वहां पे मेरे ऑफिस के और लोग मिले उनके साथ आगे निकल गया. रास्ता बहुत खूबसूरत था. जैसे जैसे फुस्सें के पास पहुच रहे थे, ठण्ड भी बढ़ रही थी. फ़्युसेन एक छोटा सा प्यारा सा शहर है, लगता है जैसे सैलानियों के लिए ही बनाया गया है। सुंदर बना कर रखा हुआ था. हर तरफ़ फूल खिले थे. क्योंकि यह जगह प्रसिद्ध है इसलिए यहाँ भीड़ भी ज़्यादा थी। पहाड़ पे चढ़ते हुए ऊपर जाने वाला रास्ता भी सुंदर था. दोस्तों के साथ गप्प मारते हुए ५ किलोमीटर की चढाई भी पता नही चली.

From Neuschwanstein Castle

ऊपर जाकर देता तो एक सुंदर सा किला था, ठीक जैसे परी कथाओं में होता है. एक अच्छा सा सजावटी दरवाज़ा था, एक ऊँचा सी मीनार थी. नज़ारा बस देखते ही बनता था.
From Neuschwanstein Castle


इसके आस पास भी तेहेलने की अच्छी जगह थी, जंगल से होते हुए रास्ता एक पुल को जाता था. वहां से किले का नज़ारा अच्छा लगता है. नीचे कम से कम २ किलोमीटर गहरी खायी थी, जहाँ पे एक झरना भी था.
From Neuschwanstein Castle


लौटते समय Hohenschwangau में थोड़ा घूमें जहाँ पे Alpsee lake थी. लाके बहुत सुंदर और साफ़ सुथरी थी. इतनी साफ़ कि उसमें तैरती हुई मछलियाँ भी दिखती थी. नजारे को और सुंदर बनने के लिए बत्तख और हंस भी आराम से तैर रहे थे.
From Neuschwanstein Castle

Thursday 18 June, 2009

प्राग में दो दिन

पिछले वीकेन्ड (१३-१४ जून को) मैंने सोचा की जर्मनी के बहार कहीं घूमने जाया जाए। प्राग नुरेम्बर्ग से ५ घंटे के रास्ते पे है तो मैंने सूचा की वहां घूम आते हैं। कोई और साथी नही मिला तो मैं अकेले निकल पड़ा। इत्तेफाक से एक "Prague Special" ऑफर भी चल रहा था जिसके तहत प्राग का टिकेट ५०% सस्ते में मिल रहा था और नुरेम्बर्ग से प्राग तक की सीधी ट्रेन भी थी। होटल एक ठीक ठाक सा ऑनलाइन बुक करा लिए। मुझे तो बस रात में सोने की जगह चाहिए थी। पर होटल काफ़ी ठीक निकला। बाद में मैंने सूचा की और सस्ता होटल लेना चाहिए था। प्राग जर्मनी से थोड़ा सस्ता है तो कम दाम में भी बहुत अच्छे होटल मिल जाते हैं।

यहाँ के ट्रेनों में रिज़र्वेशन कराने की ज़रूरत नही होती हमेशा। टिकेट लेने का मतलब की आप उस रूट की किसी भी ट्रेन में आ सकते हैं, किसी भी टाइम पे। रिज़र्वेशन तभी करना होता है जब आपको पक्का पता है की किस टाइम वाली ट्रेन से जायेंगे (एक दिन में ४ चलती हैं) और आपको लगता है की सीट नही मिल पायेगी, जो यहाँ कम ही होता है। मैंने तो ०५४० की पहली ट्रेन पकड़ी। ट्रेन लगभग खाली थी। सिर्फ़ ३ बोगियां लगी थी और एक एक में सिर्फ़ ४-५ लोग ही थे। लौटे समय लॉन्ग वीकेन्ड की भीड़ मिल गई थी, पर मुझे सीट मिल गई थी। इंडिया का एक्सपेरिएंस काम आया। रास्ते में कुछ ख़ास नही था। वही सुंदर नजारे देखते हुए पहुच गया। १-२ घंटे सो भी लिया। रास्ते में टिकेट भी चेक हुआ और पासपोर्ट भी।

From Prague


Czech Republic १९९० तक सोविएत ब्लोक का हिस्सा था। वहां पे कम्युनिस्ट सरकार थी। जब उससे अलग हुआ तो तरक्की शुरू हुई। २००४ में यह एउरोपेँ यूनियन का हिस्सा बना। इसलिए यह बाकी europe से थोड़ा पिछड़ा हुआ है। जब जर्मनी से च्ज़ेक रिपब्लिक में घुसे तो पता चल गया। कई घर पुराने थे जिनके बहार के रंग हट रहे थे, कई पूरानी फक्टोरियाँ थी जो बंद थी और खस्ता हालत में थी। पहुँचने के बाद वैसा ही confusion था जैसे भारत में होता है। लगा की जैसे भारत के किसी अच्छे शहर में आ गए हैं। जाना पहचाना लगा। मैं वहां की बुराई नही कर रहा हूँ पर यह बता रहा हूँ की जर्मनी के जैसे अच्छी उम्मीद नही परागुए। एक परागुए दे रहा हूँ बस... जो लोग नही जानते उनको मैं बता दूँ की इंडिया में स्कोडा की कारें बिकती हैं, यह यहीं की कंपनी है। प्राग में बहुत फिल्मों की शूटिंग भी होती है।
From Prague


Architecture
उन सब बातों को छोडें तो Prague में देखने के लिए कई चीज़ें है। प्राग़ ११०० साल पुराना शहर है. वहां पे बहुत सुंदर सुंदर घर हैं पुराने ज़माने के। पुराना architecture देखने वाली चीज़ है। सुंदर नक्काशीदार से परागुए शहर। के बीच से व्लातावा नदी गुज़रती है इसलिए नदी। पे कई पुल हैं कईअपके देखा एक फोटो खीची। नदी के किनारे टेहेलना बहुत अच्छा लगा।
From Prague

From Prague


National Museum
वैसे तो फ़िर में कई Museum हैं पर मैं सिर्फ़ National Museum देखने गया। और कोई Museum का मन नही था। वोह लोग कह रहे थे की Museum में से कई को चीज़ें दूसरे विश्व युद्ध के समय पर फ़िर भी देखने। पर फ़िर भी देखने को बहुत कुछ था। म्यूज़ियम से यह पता चलता है की किसी देश का कितना पुराना इतिहास है। अब हमारे देश की भी संस्कृति बहुत पुराणी है पर हमारे पास दिखने को कुछ नही है तो कोई नही मानेगा। खैर, मैं यहाँ के म्यूज़ियम में देखा, बहुत तरह की चीज़ें थी। बहुत पुराने ज़माने के दिनोसौर पौधे और जानवरों के fossils थे। दिनिया भर के तरह तरह के पत्थर थे। मैंने किताब में तो बहुत पढ़ा था, यहाँ मैंने पहली बार देखा की iron, copper और aluminium का ore कैसा दीखता है। फ़िर stone age, iron age, bronze age के लोगों के खुदाई में से मिले समान रखे थे।
From Prague

From Prague


Vltava river and its Bridges
प्राग शहर के बीच से वल्तावा नदी गुज़रती है। इसलिए उपसे कई पुल हैं जो अपने आप में देखने वाली चीज़ है। उनमें से एक, चार्ल्स' ब्रिज बहुत विख्यात है। पुल पुराने स्टाइल के होते हैं और उनपे दोनों तरफ़ मूर्तियाँ लगी हैं जिनकी कुछ कुछ कहानियाँ हैं। पुल पूरी तरह से सैलानियों का अड्डा बना हुआ है। ढेर सारे ठेले लगे हैं जो गिफ्ट का समान बेचते हैं। कुछ पेंटर बैठे रहते हैं जो आपकी तस्वीर बना सकते हैं १५ मिनट में। कोई बाजा बजा रहा है कोई गा रहा है... सही था।
From Prague

From Prague


Petrin Hill and Tower
प्राग में एक पहाड़ है जिसपे बाग़ बना हुआ है। पहाड़ के ऊपर एक एइफ्फेल टावर की नक़ल में एक टावर भी बना है। एक दो चर्च हैं और एक observatory है। ऊपर जाने के के लिए एक ट्राम थी। सुंदर नज़ारा था, ऊपर जाने में और ऊपर से भी। पूरा शहर दीखता था। अच्छा मौसम था तो मज़ा भी आ रहा था।
From Prague

From Prague


Prague Castle
प्रग का महल एक दूसरे पहाड़ के ऊपर था। हम तो चल चल के थक गए। बहुत चढ़ने के बाद महल पहुचे। पहले यहाँ रजा लोग रहते थे, अब यहाँ के राष्ट्रपति का निवास है। बहुत अच्छे से बना था और बड़ा भी था। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करिए। वहां पे हर घंटे गार्ड बदलने की सरेमोनी होती है जो अच्छी होती है।
From Prague




Return
इसके बाद शहर की और विख्यात imaratein dekhi और १३०० बजे की ट्रेन पकड़ने रेलवे स्टेशन आ गए। १-२ शौपिंग माल देखे, एक astronomical clock और old town square।

Wednesday 17 June, 2009

पोटेंस्टींन

११ जून २००९ को ऑफिस में छुट्टी थी। अब हफ्ते के बीच में एक दिन की छुट्टी में बहार तो जा नही सकते हैं। तो लोकल घूमने का प्रोग्राम था। नुरेम्बर्ग फ्रंकोनिया इलाके में आता है। पोटेंस्टींन फ्रंकोनिया का पहाडी इलाका है जिसको फ्रंकोनिया का स्विट्जरलैंड कहते हैं। तो ऑफिस वालों के साथ पोटेंस्टींन घूमने गए। वहां तक के लिए लोकल टिकेट ही लगता है। पूरे ग्रुप का एक ग्रुप टिकेट लिया € २८ का. पहले ट्रेन से पेगनित्ज़ जाना था और वहां से बस पकड़नी थी।

Pegnitz

जैसे ही नुरेम्बर्ग से बहार निकले, पहाडियां शुरू हो गई। और मौसम भी बहुत सही हो रहा था। ट्रेन से ही नज़ारा देखने वाला था। बहुत साफ़ सुथरी और सुंदर जगह है।

From Pottenstein - Franconian Switzerland

पेगनित्ज़ पहुचे तो बारिश होने लगी। उसी में बस पकड़नी थी जो अभी आई नही थी। स्टेशन के बगल में ज़रा सी जगह में सर छुपा के बारिश से बच रहे थे। थोडी देर बाद बस आई तो झट से बैठ गए।
From Pottenstein - Franconian Switzerland

Teufelshöhle

बस तो पोटेंस्टींन तक जा रही थी पर हम बीच में ट्यूफेल्शोह्ल पे उतर गए। यहाँ पे बहुत पुरानी गुफाएं हैं। तो बस फ़िर क्या था, उतर कर टिकेट लेकर घुस गए। एक गाइड था जो गुफा के बारे में बता रहा था, जर्मन में। पर बाद में कहीं से टेप रिकॉर्डर से इंग्लिश में भी सुनाता था। इंग्लिश बोल नही पाटा था, बस इशारे करता था और टेप से आवाज़ आती थी।
From Teufelshöhle

गुफा बहुत बड़ी थी। लगभग एक किलोमीटर लम्बी थी। हिम युग मिएँ यहाँ भालू रहते थे, जो १०,००० साल पहले की बात है।
From Teufelshöhle

गुफा के कुछ इलाके ३००,००० साल पुराने थे। गुफा कैल्शियम के पत्थर की थी तो stalactites & stalagmites बहुत थे। यह गुफा की छत से पानी चूने से बनते हैं। १०० साल में सिर्फ़ १३ मिल्लिमीटर ही बढ़ते हैं, तो सूचिये की इतना बड़ा बनने में कितना टाइम लगा होगा। गुफा घूमने के बाद हमने वही पे नाश्ता किया और किसी तरह भीगते भीगते बस पकड़ी। तेज़ बारिश हो रही थी.
From Teufelshöhle
Pottenstein
गुफा घूमने के बाद फ़िर हम बस पकड़ के पोटेंस्टींन पहुचे। वहां से अगली बस पकड़नी थी जो छूट गई। तो हमने पहाडी जंगल में ट्रेक्किंग की। ट्रेक्किंग अच्छा adventure था। रास्ता गीला और भीगा हुआ था।
From Pottenstein - Trekking
ट्रेक्किंग के बाद एक कैम्पिंग ग्राउंड पे पहुचे। वहां पे लोग अपना अपना कारवां लेकर आए थे और बना खा रहे थे। कुछ लोग पास में बोटिंग कर रहे थे। यहाँ पे हमने खाना खाया, फ़िर आगे गए। फोटो में आपको पीछे कारवां दिख रहे होंगे जैसा स्वदेस फ़िल्म में शाहरुख़ खान चला रहा था।
From Pottenstein - Franconian Switzerland

Museum Train
आगे पोटेंस्टींन में एक पुरानी छोटी ट्रेन चल रही थी Behringersmühle से Ebermannstadt तक जो ४५ मिनट का रास्ता है। ट्रेन से जगह देखने में बहुत अच्छी लग रही थी। मज़ा आया। फ़िर Ebermannstadt से Forchheim होते हुए नुरेम्बर्ग आ गए।
From Pottenstein - Museum Train

Monday 8 June, 2009

नुरेम्बर्ग में घूमने का दूसरा दिन

City Center
आज के सैर की शुरुआत सिटी सेण्टर से हुई। यह जगह मैं मार्केट के पास ही है और यहाँ पे कई बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर हैं। यहाँ पे कई सुंदर ऐतिहासिक इमारतें थी, पर मुझे समझ नही आ रहा था की कौन क्या है। एल्बम में कुछ फोटो के साथ कमेंट्स लिखे हैं।

From Around Main Market
दुकानें और ऑफिस

From Around Main Market
फव्वारा


Museum of Modern Art
यहाँ के लोग कला की बहुत कद्र करते हैं। हर बड़े शहर का अपना माडर्न आर्ट म्यूज़ियम होता है। मुझे देखने का मन था तो अन्दर गया। अच्छा था। कई पेंटिंग और मूर्तियाँ थी। और कुछ तो सही में माडर्न टाइप की चीज़ें थी, जैसे ट्यूब से यह सुंदर कलाकृति बनाई गई थी।

From Museum of Modern Art


German National Museum
फ़िर मैं जर्मनी के नेशनल म्यूज़ियम भी गया। यह बहुत बड़ा था और जर्मनी के इतिहास से जुड़ी कई चीज़ें थी। जर्मनी का हजारों साल का इतिहास एक साथ दिखाया हुआ था। यह इतना बड़ा था की मैं सारा घूम भी नही पाया। हूमते घुमते थक गया। अकेले इस म्यूज़ियम के लिए पूरा दिन कम है।

From Germany National Museum

यह दुनिया का पहला ग्लोब है

From Germany National Museum
चर्च की सजावट

From Germany National Museum
पुराने बर्तन

From Germany National Museum
Dressing Table

From Germany National Museum
Pillars of Human Rights

Children's Museum
आख़िर में मैं बच्चों के म्यूज़ियम गया। यहाँ बच्चों के लिए पुराने ज़माने के घर के समान रखे थे। बहुत कुछ रखा था बच्चों के खेलने के लिए। तीन मंजिल में बस बच्चे भरे पड़े थे और खेल रहे थे। खेल के साथ साथ chemistry-bology etc. सीख भी रहे थे. Did you know that Kindergarten is a German word? Kinder=children Garten=garden

From Nuremberg Nearby Hotel

Kinder Museum
From Germany People


लौट के बुध्धू घर को आए
In the end, I returned back to my hotel (photo below) and ate a salad which I purchased on the way.

From Nuremberg Nearby Hotel
Hotel

From Nuremberg Nearby Hotel
Lunch