Tuesday 8 March, 2005

फिन्निश संसद

यहाँ कम छुट्टियाँ होती हैं. इनके उतने भगवान् नही होते जितने अपने हैं. इसलिए महाशिवरात्रि की छुट्टी नही मिली.

मैं लोकल ट्रेन से ऑफिस आता हूँ. आज ट्रेन चलने में लेट हो गई तो announcement होने लगी. कह रहा था की आगे ट्राफिक है, वे विल स्टार्ट ASAP. मैंने घड़ी देखी, कितनी लेट थी? 3 मिनट! हद्द है!
इधर मैं बहुत नही घूमा की मेनेजर ने कहा है की 30 अप्रैल तक रुकना है. तो मैंने सूचा अभी क्यों घूम के अपनी कुल्फी बनाये? अप्रैल में घूमेंगे. अभी तो वैसे भी सब कुछ बर्फ से ढाका है, बाद में शायद अच्चा लगे. तो अब फ़िर प्रोग्राम बदल हो गया की मैं 2 Apr को लौटूंगा और शायद फ़िर May में आउंगा. इन managers का न जाने क्या होगा. एक प्रोग्राम नही बनते. हमारे घर जैसा हाल बाना रखा है. अब फ़िर दौड़ दौड़ के घूमूंगा. वैसे हेलसिंकी में तो सब important spots देख ही लिए हैं. यहाँ का हर जगह का इतना ज़्यादा टिकट है की मत पूछो.

Saturday को मैं parliament house घूमने गया था. यहाँ के संसद में entry allowed है तो सोचा की देखा जाए. पहुच गया. Guided tour था. बहुत सुंदर संसद है. Majestic design. बहुत ornamental नही है लेकिन सुंदर लगता है. इस architectural स्टाइल को neoclassical कहता हैं. कई चीज़ें सीखी उनके govt के बारे में. पर सबसे अच्छी बात जो लगी वोह इनकी openness! सब कुछ open, no secrets! जब संसद चल रही हो तो कोई भी आकर सुन सकता है की MPs क्या discuss कर रहे हैं या कौन सा बिल पास हो रहा है. जो थोड़ा बहुत secret work होता भी है वोह भी कुछ समय बाद जनता के लिए खुल जाता है. I liked it! मैंने गाइड से सबसे ज़्यादा सवाल पूछे. अंत में उसने ख़ुद पूछा की क्या मैं इंडिया से हूँ? तो मैंने पूछा की तुमको कैसे पता? उसने कहा की बस शक्ल से लगा. She was very learned. She knew about parliamentary system of several countries, even ours. She was saying that she wondered why this kind of openness is not possible in India. मैं ऐसे ही बहने बाना रहा था but in fact, there is no reasons, just excuses. Overall, this was a very pleasant visit.

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